गुर्दे की बीमारी को अक्सर एक ‘साइलेंट किलर’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि अधिकांश लोगों को बीमारी का पता तब तक नहीं चलता जब तक यह उग्र रूप धारण नहीं कर लेता।
हाँ, गुर्दे की बीमारियाँ कई बार बहुतें लोगों में असंवेदनशील रूप से बढ़ती हैं, जिससे उन्हें इसके बारे में सही समय पर पता नहीं चलता है। इसलिए उसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। यह बीमारी अक्सर तब पता चलती है जब यह पहले से ही गंभीर हो जाती है और इलाज करना मुश्किल हो जाता है।
गुर्दे के रोगों की सामान्य लक्षणों में से कुछ शामिल हैं: पेशाब में बदलाव, पेट में दर्द, उरिन बनाने में समस्याएं, खून या प्रोटीन के स्तर में बढ़ोतरी, या उत्तेजना की समस्याएं। अगर किसी को ऐसे लक्षण होते हैं तो उन्हें त्वरित चिकित्सा साहाय्य प्राप्त करना चाहिए।
Prof (Dr) D Mukherjee is an alumnus of the prestigious Armed Forces Medical College, Pune where he did his MBBS & MD (Medicine). Subsequently he went on to do his DM (Nephrology) from PGIMER Chandigarh, which is the foremost training institution for nephrology in India.